क्या आपको पता है कि Bluetooth का नीले रंग का सिम्बल यानि चिन्ह कैसे आया और इसका नाम 'Bluetooth' क्यों रखा गया? Bluetooth के आविष्कार ने कई सारी चीज़ों को आसान बना दिया। आज इसका प्रयोग लगभग सभी डिवाइसेज़ में होता है। शुरुआती दौर में मोबाइल इस्तेमाल करने वालों की इस तकनीक के साथ कई यादें जुड़ी हैं। उस दौर में जब सोशल मैसेजिंग एप नहीं आए थे, Bluetooth अपने दोस्तों के साथ गाने, वीडियो और फ़ोटोज़ शेयर करने का सबसे आसान ज़रिया था। चूंकि, Bluetooth का इस्तेमाल बेहद सरल था, इसलिए कुछ ही समय में ये तकनीक बेहद लोकप्रिय हो गई। Bluetooth के बारे में तो सभी जानते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि Bluetooth का नीले रंग का सिम्बल यानि चिन्ह कैसे आया और इसका नाम 'Bluetooth' क्यों रखा गया? अगर नहीं, तो आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं। Bluetooth का आविष्कार 1994 में हुआ था. इसे बनाने का श्रेय स्वीडन की दूरसंचार कम्पनी ' Ericsson ' को जाता है। इस कम्पनी के इंजीनियर्स ने आपसी सहयोग से Bluetooth तकनीक को इजाद किया. Bluetooth के नाम और नीले सिम्बल के पीछे एक दिल...
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